अमरूद क्या है? (Amrud kya hai?)
यह एक ऐसा फल हैं जिससे सभी लोग निश्चित ही परिचित होते है| परन्तु कई लोग इसके गुणों से परिचित नही होते| अमरूद को अमृत फल भी कहा जाता हैं| इसका खट्टा मीठा स्वाद किसी भी व्यक्ति को बहुत जल्द इसका सेवन करने के लिए मजबूर कर देता हैं| स्वादिष्ट होने के साथ ही यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता हैं| कई घरों में इसके पेड़ लगे होते है|यह कृषि और जंगली दोनों अवस्था में पाया जाता है|यह फल औषधीय गुणों से भी भरपूर होता हैं| इसका सेवन करने से सिर से लेकर पांव तक की कई बीमारियाँ समाप्त हो सकती हैं|अमरूद में उपस्थित विटामिन सी और एंटी ओक्सिडेंट लाइकोपीन जैसे पोषक तत्व प्रोस्टेट केंसर और स्तन केंसर से बचाव करते हैं| आज आपको परिचित कराते हैं इसके सभी गुणों से जिन्हें जानने के बाद आप इसका सेवन तुरंत शुरू कर देंगेइसका प्रयोग कर के आप कई ऐसी बिमारियों को समाप्त कर सकते हैं जिनके लिए लोगो को अस्पताल जाना पड़ता हैं और तो और कई बार इलाज़ भी सफल नही हो पाता| इसका सेवन करने से एक या दो नही बल्कि कई रोगों का शमन होता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Amrud ka swarup)
इसका पेड़ कमजोर और सदाहरित होता हैं| पेड़ की ऊंचाई लगभग 5 से 9 मीटर के मध्य हो सकती हैं| इसकी छाल पतली तथा अन्दर से चिकनी होती हैं और छाल पर धब्बे भी होते हैं| इसके पत्ते खुरदरे और नीचे से कोमल होते है| इसके फूल सफ़ेद रंग के खुशबु से युक्त होते है| इसके फल गोलाकार, अंडाकार और नाशपती के आकार में उपस्थित हो सकते है| इसे कच्ची और पकी हुई दोनों अवस्था में खाया जा सकता है| सर्दी में आने वाले अमरूद बारिश में आने वाले अमरूद की अपेक्षा अधिक स्वादिष्ट होते है|
अमरूद के सामान्य नाम (Amrud ke samany naam)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Psidium guajavaअंग्रेजी (English)Guavaहिंदी (Hindi)अमरूद, जामफलसंस्कृत (Sanskrit)मृदुफलम, अमृतफलम्, पेरुकअन्य (Other)बोजोजमो (उड़िया) मधुरियम (असमिया) जामफल (कन्नड़) अंजीरजाड (पंजाबी) अम्बा (नेपाली) जम्बा (मराठी)कुल (Family)Myrtaceae
अमरूद आयुर्वेदिक गुण धर्म (Amrud ke ayurvedic gun dharm)
दोष (Dosha) रस (Taste) गुण (Qualities) वीर्य (Potency) विपाक(Post Digestion Effect) अन्य (Others)Acacia arabica var. nilotica
अमरूद के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Amrud ke fayde or upyog)
सिर दर्द में (Amrud for head ache)
सुबह सूर्योदय से पहले कच्चे अमरूद को घिस कर जहाँ सिर दर्द होता हो वहां लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता हैं| इसे दिन में 2 से 3 बार दोहराना चाहिए|
जुखाम में (Amrud for cold)
जुखाम की अवस्था में व्यक्ति को अमरूद का एक बड़ा और अच्छा बीज खिलाने के बाद शुद्ध जल का सेवन कराये इससे जुखाम में आराम मिलेगा|
दांतों के दर्द में कारगर अमरूद (Amrud for teeth ache)
यदि दांतों में दर्द हो तो इस दिव्य फल के पत्तो को चबाने या उनका काढ़ा बना उसमे फिटकरी डाल कर कुल्ला करने से दर्द का शमन होता है|
मुंह के छालों में
कोमल पत्तों में कत्था रख कर पान की तरह चबाने से छालों की समाप्ति होती हैं|
इसके के पत्तों का काढ़ा बना कर गरारे करने या पत्तों को चबाने से मुंह से आने वाली दुर्गन्ध, मुंह के घाव आदि समाप्त होते है|
कफ और खांसी में (Amrud for cough)
यदि कफ वाली खांसी हो तो ताजे और मीठे अमरूद का सेवन करने से लाभ मिलता हैं| और इसके साथ ही मनुष्य का स्वास्थ्य भी स्वस्थ होता जाता है|
इसका अर्क के अर्क में शहद डाल कर पीने से सूखी खांसी समाप्त होती है|
ह्रदय रोगों में (Amrud for heart disease)
इसकी की चटनी बना कर खाने से सभी प्रकार के ह्रदय रोगों का शमन होता है| इसके साथ ही कब्ज भी दूर होती हैं|
उल्टी रोकने में मददगार अमरूद (Amrud for vomating)
इसके कोमल पत्तों का काढ़ा बना कर दिन में 1 से 2 बार पीने पर उल्टी बंद होती है|
अधिक प्यास की समस्या होने पर
मधुमेह के रोगी या बार बार मूत्र आने की शिकायत वाले रोगियों को कटे हुए अमरूद का पानी अर्थात इस को काट कर पानी में छोड़ देने के कुछ देर बाद उस पानी को पी लेने से यह समस्या दूर हो जाएगी|
दस्त के लिए उपयोगी अमरूद (Amrud for diarrhea)
दस्त रोकने के लिए कच्चे अमुरुद को भून कर खाना चाहिए|
यदि कोई बच्चा पुराने दस्त की समस्या से ग्रसित हैं तो इसकी जड़ का काढ़ा बना कर पीना चाहिए|
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उदर रोगों में (Amrud for stomach)
यदि शरीर में दूषित भोजन का विष फ़ैल गया हो तथा दस्त, पेचिश, उल्टी, अजीर्ण जैसी समस्याएँ हो रही हो तो इसकी छाल के काढ़े या छाल का चूर्ण बना कर लेना चाहिए|
सुबह सुबह नए अमरूद के पत्तों के रस में चीनी मिला कर पीने से अजीर्ण जैसी समस्याओं में अपार लाभ होता है|
यदि इसे को नाश्ते के रूप में काली मिर्च, काले नमक और अदरक के साथ लिया जाता है तो इससे कब्ज़ के साथ ही पाचन से जुडी कई सारी समस्याओं का शमन होता है|
यदि आप हैजा या विसूचिका की आरंभिक अवस्था में है तो इसकी की छाल और पत्तों का उचित मात्रा में काढ़ा बना कर दिन में तीन से चार बार लेने से यह समस्या समाप्त हो जाती है|
खूनी बवासीर में (Amrud for piles)
इसके छाल के चूर्ण और क्वाथ को एक साथ लेने से खूनी बवासीर की समस्या में लाभ मिलता है|
गठिया रोग में (Amrud for gout)
गठिया से प्रभावित स्थान पर इसके कोमल पत्तों को पीस कर उनका लेप करना चाहिए|
मानसिक विकारों में (Amrud for mental problem)
इसके पत्तों का क्वाथ पीने से मानसिक विकार तथा वृक्क विकारों का शमन होता है|
बुखार की अवस्था में (Amrud for fever)
इसके पत्तों का स्वरस पीने से ज्वर में लाभ मिलता है|
यदि आप या आपके आस पास कोई विषम ज्वर से पीड़ित व्यक्ति है तो उसे इस फल का सेवन करायें| विषम ज्वर में लाभ मिलेगा|
जलन में
पीसे हुए इस फल के बीजों में मिश्री और गुलाब जल मिला कर पीने से बाधा हुआ पित्त शांत होने के साथ ही जलन में भी लाभ होता है|
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नशा उतारने में
यदि आपको भंग या धतूरे का नशा उतारना हो तो इसके पत्तों के रस का सेवन करवा सकते है|
मधुमेह में (Amrud for diabetes)
मधुमेह के रोगी को रोज एक अमरूद का सेवन करना चाहिए इससे रोगी अपने रोग को आसानी से और जल्द नियंत्रण में ला पाने में सफल होगा|
स्तन और प्रोस्टेट केंसर से बचाव (Amrud for breast and prostate cancer)
अमरूद का सेवन करके महिलाओं में होने वाले स्तन केंसर और पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट केंसर से बचाव किया जा सकता है|
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती दे (Amrud for increase immunity)
अमरूद में विटामिन सी के साथ साथ और भी कई जरुरी पोषक तत्व होते है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने का काम करते है| इसलिए यदि हम अमरूद का सेवन करते है तो रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है|
त्वचा को निखारें (Amrud for glowing skin)
अमरूद में पोषक तत्वों के साथ ही त्वचा को जवान बनाये रखने और त्वचा को निखारने वाले पोषक तत्व भी होते है| इसलिए जो व्यक्ति अमरूद का सेवन करता है उसकी त्वचा हमेशा निखरी और खिली खिली रहती है|
मोटापा कम करें (Amrud for obesity)
कई व्यक्ति मोटे से पतले होने के लिए चिकित्सक से सम्पर्क करते है और विभिन्न प्रकार की दवाईयों का सेवन शुरू कर देते हैं| इनके चलते शरीर पर दूसरे दुष्प्रभाव नजर आने लगते है|
यदि कोई व्यक्ति उचित मात्रा में सही समय पर अमरूद का सेवन करता हैं तो उसका मोटापा बढ़ने से रोका जा सकता हैं|
गर्भावस्था में (Amrud for pregnency)
यदि कोई गर्भवती महिला अमरूद का सेवन करती हैं तो यह उसे और उसके बच्चों को बहुत सारे रोगों से लड़ने की क्षमता देगा तथा इसके चलते बच्चा और माँ दोनों ही हष्ट पुष्ट होंगे|
थाइराइड के रोगियों के लिए अमरूद (Amrud for throid)
थाइराइड के रोगियों को अमरूद का सेवन जरुर करना चाहिए| इसमें उपस्थित पोषक तत्व इस रोग को समाप्त करने में सहायता करते हैं|
सांसो की दुर्गन्ध को समाप्त करें अमरूद (Amrud for bad breath)
यदि इसके पत्तों को चबाया जाता हैं तो सांसो के साथ आने वाली दुर्गन्ध की समाप्ति होती है|
कृमियों को खत्म करें अमरूद (Amrud for stomach bugs)
यह फल पाचन तंत्र से जुडी बहुत सारी समस्याओं का इलाज़ करता हैं| यदि इसके पत्तों का काढ़ा बना कर पिया जाता हैं तो पेट के कीड़ों का नाश होता हैं|
रक्त संचार को नियमित करें अमरूद (Amrud for good blood circulation)
इसका का सेवन करने से रक्त में उपस्थित विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं तथा इसके साथ ही यह रक्त के संचार को भी सही कर मनुष्य को एक स्वस्थ जीवन प्रदान करता हैं|
अमरूद के उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Amrud)
पत्तें
बीज
फल
छाल
सेवन मात्रा (Amrud ki sevan matra)
चूर्ण – 3 से 5 ग्राम
क्वाथ – 15 से 20 ml