Thursday, November 7, 2024

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फायदे, उपयोग -19 Ways to Embrace the Power of agaru..

अगरु क्या है? (What is Agaru?)

शायद आप अगरु नाम की इस जड़ी बूटी को नही जानते होंगे और न ही इसके गुणों को| लेकिन इसे आज जानने के बाद जरुर इससे भली भांति परिचित हो जायेंगे| अगरबत्तियां इसी पेड़ से निकलने वाले गोंद से बनायीं जाती है जिसकी सुगंध हर कोई आसानी से पहचान लेता है|लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि इसका प्रयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में होता है| भारत में काफी प्राचीन समय से इसका प्रकार आयुर्वेदिक उपचार के रूप में किया जाता है| इस पेड़ को अगर का पेड़ भी कहा जाता है| असम बहुत पुराने समय से ही इसके लिए प्रसिद्ध है|यह असम, मेघालय, मणिपुर, नागालेंड, त्रिपुरा और पश्चिमी बंगाल में पर्वतों पर पाया जाता है|आइये आपको परिचित कराते है इसके आयुर्वेदिक गुणों और उपयोग के बारे में जिसे जान कर आप कई सारे रोगों का इलाज़ आसानी से कर सकते है|

अगरु की प्रजातियाँ (Agaru ki prajatiya)

कृष्णागुरु

काष्ठगुरु

दाहागुरु

मंगल्यागुरु

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Agaru ki akriti)

यह पेड़ बहुत सारे औषधीय गुणों से भरा हो ता है| ये सदाहरित वृक्ष होता है जिसकी ऊंचाई 20 मीटर तक हो सकती है| इसकी छाल एक काग़ज की तरह पतली होती है तथा सफ़ेद और पीला रंग लिए होती है| इसके फूल छतरियों का आकार लिए सफ़ेद और पीले कलर में होते है|जब यह 21 साल से अधिक हो जाता है तो इसकी छाल पकना शुरू हो जाती है| पकते समय इसकी छाल पर एक गोंद सा पदार्थ आता है उसी से अगरबत्तियां बनाई जाती है| लकड़ी के पकने पर एक प्रकार के कीड़ें इसमें पैदा होने लगते है और सड़ने लगते है यही असली अगरु के नाम से जाना जाता है और इसे ही असली अगरु माना भी जाता है|

अगरु के सामान्य नाम Herbal Arcade

अगरु के सामान्य नाम (Agaru ke samany naam)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Aquilaria malaccensis अंग्रेजी (English)Eagle wood, Agar wood, Aloe woodहिंदी (Hindi)  अगर, ऊदसंस्कृत (Sanskrit)अगुरु, कृमिजग्धम्, प्रवरम्, लोहम्, राजार्हम्, योगराज, वंशिक,जोङ्गक, अनार्यकम्अन्य (Other)ससि (असमिया) अगर (उर्दू) अगरु (कन्नड़) अगर  (गुजराती) पंवार  (पंजाब) कायागहरू  (मलयालम) कुल (Family)  Acacia arabica var. nilotica

अगरु के आयुर्वेदिक गुण (Agaru ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) कफवातशामक (pacifies cough and vata)रस (Taste) कटु (pungent), तिक्त (bitter)गुण (Qualities) लघु (light), रुक्ष (dry), तीक्ष्ण (strong)वीर्य (Potency) उष्ण (hot)विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)अन्य (Others)उत्तेजक, शीतप्रशमन, दुर्गन्धहर, शोथहर, वेदनास्थापन

Ayurvedic properties of Agaru Herbal Arcade

अगरु के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Agaru ke fayde)

सिर दर्द होने पर फायदेमंद अगरु (Agaru for head ache)

चन्दन की तरह अगरु की लकड़ी को घिस लें| अब इसमें उचित मात्रा में कपूर मिला लें| अब इसका लेप माथे पर करें| थोड़े ही दिनों में सिर दर्द की परेशानी से बड़ी ही आसानी से छुटकारा मिल जायेगा|

अस्थमा या दमा में (Agaru for asthma)

अस्थमा से पीड़ित मरीज के लिए अगरु के पीसे हुए चूर्ण में कपूर को अच्छे से पीस कर मिला दें| अब इसका लेप छाती पर करें| लेप करने से सूजन कम होती है और रोगी को राहत मिलती है|

इसके अलावा अस्थमा रोगी को तम्बाकू के पत्तों में अगरु के तेल की एक से दो बूंद डाल कर लेने से अस्थमा का शमन होता है|

पेट की गाँठ में

यदि कोई व्यक्ति पेट की गाँठ से पीड़ित है तो अगरु की लकड़ी के काढ़े का सेवन रोज करने पर इस समस्या में लाभ मिलता है|

वमन या उल्टियां रोकने के लिए

वमन के चलते लोगो के शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसके कारण दूसरे रोग उत्पन्न होने लगते है| ऐसी अवस्था में उल्टी को रोकने के लिए अगरु की लकड़ी का चूर्ण बना कर खाना चाहिए|

कब्ज़ की समस्या खत्म करे (Agaru for constipation)

मंद पाचक अग्नि के कारण कब्ज़ होने पर अगरु की लकड़ी का चूर्ण बना कर उसे मधु के साथ लेना चाहिए| इसका सेवन करने से मंद पाचक अग्नि तेज होती है और कब्ज़ की समस्या खत्म होती है|

खूनी बवासीर में (Agaru for piles)

खूनी बवासीर को समाप्त करने के लिए अगरु के चूर्ण में उचित मात्रा में मिश्री और घी मिला लें| इसके बाद इन्हें पका लें| अब ठंडा होने के बाद इसका सेवन करें| खूनी बवासीर के रोगियों को इसके सेवन से काफी अच्छे लाभ मिलते है|

प्रसव के बाद और पहले होने वाली समस्याओं का समाधान करे अगरु (Agaru for pre and post pregnency)

कई स्त्रियों को प्रसव के दौरान, पहले या बाद में भिन्न भिन्न तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में यदि अगरु की लकड़ी के काढ़े का प्रयोग किया जाता है तो इन सभी समस्याओं से आसानी से निजात मिल सकती है|

benefits of agaru Herbal Arcade

वात रोगों में

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में होने वाले किसी भी दर्द की जिम्मेदार प्रकुपित वायु होती है| इसी कारण वातरक्त, आमवात, सुन्नता आदि परेशानिया आती है| ऐसे में यदि अगरु को पीस कर प्रभावित स्थान पर लेप किया जाता है तो सारे दर्द समाप्त होते है| ऐसा अगरु के वायु को नियंत्रण में कर लेने के कारण होता है| 

त्वचा रोग में (Agaru for skin disease)

अगरु की लकड़ी को पीस कर लेप बना कर प्रभावित स्थान पर लगाने से त्वचा रोगों का निवारण आसानी से किया जा सकता है| इसी प्रकार खुजली और कुष्ठ की समस्या में अगरु के पत्तों को पीस कर लेप करना चाहिए|

इसके अलावा इसका प्रयोग घाव को जल्दी सुखाने के लिए भी किया जाता है|

सूजन में (Agaru for inflammation)

सूजन को मिटाने के लिए चोरक और अगरु को पीस कर प्रभावित स्थान पर लेप करना चाहिए| इससे सूजन जल्द समाप्त होती है|

 बुखार में लगने वाली अधिक प्यास में

अगरु की लकड़ी से भावित पानी का सेवन करने से बुखार के दौरान लगने वाली अत्यधिक प्यास से छुटकारा मिलता है और स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहता है|

बिच्छु के काटने पर

जहां बिच्छु ने काटा हो वहां अगरु की लकड़ी को पीसकर लेप कर दें| इससे जलन और दर्द कम होगा तथा जहर भी कम चढ़ेगा|

बल और वीर्य में वृद्धि

अगरु का सेवन करने से पुरुषों में वीर्य और बल की वृद्धि होती है| इससे दुर्बल शरीर हष्ट पुष्ट होता है और वीर्य विकार भी समाप्त होते है|

पेट के कीड़ों को मारे (Agaru for stomach bugs)

यदि आप पेट के कीड़ों से परेशान है और आपके द्वारा खाया गया भोजन आपके शरीर को नही लगता है तो अगरु के सेवन से कीड़ों का शमन किया जा सकता है|

बालों को मजबूती दें (Agaru for strong hair)

अगरु का सेवन करने वाले लोगो के बाल मजबूत, घने और लम्बे होते है| अगरु में उपस्थित तत्व बालों की समस्याओं का समाधान करने में काम में लिए जाते है|

खून की कमी को दूर करे अगरु (Agaru for anemia)

आज के दौर में खून की कमी होने के भिन्न भिन्न कारण होते है| परन्तु किसी भी तरह की खून की कमी को दूर करने के लिए अगरु का सेवन बिना किसी हिचकिचाहट के किया जा सकता है|

मधुमेह में कारगर अगरु (Agaru for diabetes)

मधुमेह में अगरु का सेवन कर के इन्सुलिन हार्मोन पर नियंत्रण किया जा सकता है और इसके साथ ही मधुमेह के कारण होने वाली बिमारियों से भी बचा जा सकता है|

हिचकी की समस्या में (Agaru for hiccup)

कभी कभी या धीरे से हिचकी चलना एक आम बात है लेकिन जब यह एक भयानक रूप धारण कर लेती है तो पीड़ित को बहुत अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है| इस परिस्थिति में यदि अगरु का सेवन किया जाता है तो लाभ मिलता है|

सांसों की दुर्गन्ध दूर करें (Agaru for bad breath)

कई लोग सांसो में होने वाली दुर्गन्ध से परेशान रहते है| इसके कारण लोग खुल के बात नही कर पाते और दूसरे लोग भी दूर भागते रहते है| इस समस्या को समाप्त करने के लिए इसका सेवन बहुत लाभदायक होता है|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Agaru)

काण्डसार

तेल

सेवन मात्रा (Dosages of Agaru)

चूर्ण -1 से 3 ग्राम तक

तेल- 1 से 5 बूंद

अगरु से निर्मित औषधियां

अगुर्वादी तेल

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